Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2021 · 1 min read

ना नक्सली हैं ना माओवादी हैं

ना नक्सली हैं ना माओवादी हैं
वतन के चराग़ हैं हम
वतन की बाती हैं
हम आदिवासी हैं हम आदिवासी हैं
मत कुचलो पहरेदार हमे
हम लूटो पहरेदार हमे
मत मारो पहरेदार हमे
ना बंगलादेशी हैं ना पाकिस्तानी हैं
इसी देश के वासी हैं
हम आदिवासी हैं हम आदिवासी हैं
जंगल के मालिक हैं हम
सच्चे हैं सादिक हैं हम
मत समझो कि मुहाज़िर हैं हम
जंगल के निवासी हैं
हम आदिवासी हैं हम आदिवासी हैं
मारूफ़ आलम

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 300 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
महानिशां कि ममतामयी माँ
महानिशां कि ममतामयी माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2750. *पूर्णिका*
2750. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बिन फले तो
बिन फले तो
surenderpal vaidya
*हेमा मालिनी (कुंडलिया)*
*हेमा मालिनी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
Chunnu Lal Gupta
मोहब्बत का पहला एहसास
मोहब्बत का पहला एहसास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कभी कभी भाग दौड इतना हो जाता है की बिस्तर पे गिरने के बाद कु
कभी कभी भाग दौड इतना हो जाता है की बिस्तर पे गिरने के बाद कु
पूर्वार्थ
9-अधम वह आदमी की शक्ल में शैतान होता है
9-अधम वह आदमी की शक्ल में शैतान होता है
Ajay Kumar Vimal
ये  दुनियाँ है  बाबुल का घर
ये दुनियाँ है बाबुल का घर
Sushmita Singh
सपने देखने से क्या होगा
सपने देखने से क्या होगा
नूरफातिमा खातून नूरी
"आवारा-मिजाजी"
Dr. Kishan tandon kranti
■ #गीत :-
■ #गीत :-
*प्रणय प्रभात*
तुम बस ज़रूरत ही नहीं,
तुम बस ज़रूरत ही नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
सम्राट कृष्णदेव राय
सम्राट कृष्णदेव राय
Ajay Shekhavat
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
घबरा के छोड़ दें
घबरा के छोड़ दें
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
चुनौती
चुनौती
Ragini Kumari
प्रार्थना
प्रार्थना
Shally Vij
किया है तुम्हें कितना याद ?
किया है तुम्हें कितना याद ?
The_dk_poetry
माँ
माँ
संजय कुमार संजू
"नाना पाटेकर का डायलॉग सच होता दिख रहा है"
शेखर सिंह
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
VINOD CHAUHAN
मोहब्बत का मेरी, उसने यूं भरोसा कर लिया।
मोहब्बत का मेरी, उसने यूं भरोसा कर लिया।
इ. प्रेम नवोदयन
(दम)
(दम)
महेश कुमार (हरियाणवी)
Loading...