ना तख्त होई
ना तख्त होई
ना ताज होई
आम जनता के
राज होयी…
(१)
अपने आप में
अब हर केहू
एगो बादशाह
बेताज होई…
(२)
सदियन से
कैद पंछियन के
आसमान में
परवाज होई…
(३)
हर औरत
खुशहाल होई
हर आदमी
आबाद होई…
(४)
भगत सिंह
कहले रहले
एगो औरी
इंकलाब होई…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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