ना झूठे करो बवाल प्रिए
ना झूठे करो बवाल प्रिए,
अब नहीं करूंगा कॉल प्रिए
तूने ही था मिसकॉल किया
अब बात भले तू टाल प्रिए
ना झूठे करो………………
बैलेंस तुम्हारे नंबर पर
अक्सर मैं ही करवाता था
पैग़ाम भेजने के खातिर
मैं मैसेज पैक कराता था
तेरे पीछे बर्बाद हुआ
पर तू है मालामाल प्रिए
ना झूठे करो बवाल……
जानम तेरे चौराहे पर
मैं अक्सर मिलने आता था
तू देव मुझे जब कहती थी
मैं..??.. तुझे बुलाता था
अपनी इस प्रेम कहानी के
बीते हैं दसियों साल प्रिए
ना झूठे करो बवाल………
तुझको भी होगा याद सनम
हम जमकर बातें करते थे
दो चार मिनट की बात नहीं
हम सारी रातें करते थे
पर क्यों रूठी हो अब मुझसे
दिल में है यही सवाल प्रिए
ना झूठे करो बवाल………..
तेरी यादों में डूब सनम
अब गीत ग़ज़ल ही लिखता हूं
दुनिया की नज़रों में बेशक
मैं सनकी, पागल दिखता हूं
ना भूख लगे ना प्यास लगे
मैं हूं इक सूखी डाल प्रिए
ना झूठे करो बवाल………….
जबसे छोड़ी हो साथ मेरा
मैं खोया – खोया रहता हूं
आंखें हैं भले खुली मेरी
पर सोया – सोया रहता हूं।
मैं बंजर धरती हूं पगली
पर तू है नैनीताल प्रिए
ना झूठे करो बवाल………..