Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2018 · 1 min read

ना जाने क्यों जिन्दगी से मुँह माैडने लगा हूँ अब तो

चलते – चलते उन रास्ताें थकने लगा अब तो
जहा कर गुजरे वाे, उनके पैरों के निशान ढूंढने लगा हूँ अब तो
खुद से ही खुदका भ्रम ताेडने लगा हूँ अब तो
ना जाने क्यों जिन्दगी से मुँह माेडने लगा हूँ अब तो

बीते हुए पलाें काे याद करके राेने लगा हूँ अब तो
भटकते मुसाफ़िर से ही अपनी मंजिल का रास्ता पूछने लगा हूँ अब तो
डूबते हुए अश्काे काे अपनी आँखों से निकालने लगा हूँ अब तो
ना जाने क्यों जिन्दगी से मुँह माेडने लगा हूँ अब तो

जो जख्म खाए माेहब्बत में उन जख्माे काे देखकर राेने लगा हूँ अब तो
इन्ही जख्माे काे भरने की भींक मागने लगा हूँ अब तो
अपनी ही बनी बनाई काे ताेडने लगा हूँ अब तो
ना जाने क्यों जिन्दगी से मुँह माेडने लगा हूँ अब तो

दर्द बहुत दिये उसने, उस दर्दे दिल को बयां करने लगा हूँ अब तो
इश्क़ की पतंगे आजकल कटवाने लगा हूँ अब तो
खिलते फूल काे ताेडने लगा हूँ अब तो
ना जाने क्यों जिन्दगी से मुँह माेडने लगा हूँ अब तो

®…© राजू खान

1 Like · 248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
Anand Kumar
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"Don't be fooled by fancy appearances, for true substance li
Manisha Manjari
और तुम कहते हो मुझसे
और तुम कहते हो मुझसे
gurudeenverma198
2996.*पूर्णिका*
2996.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
Paras Nath Jha
हर एकपल तेरी दया से माँ
हर एकपल तेरी दया से माँ
Basant Bhagawan Roy
बच्चे बोले दो दिवस, खेलेंगे हम रंग
बच्चे बोले दो दिवस, खेलेंगे हम रंग
Ravi Prakash
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
कवि रमेशराज
मुझको मेरा हिसाब देना है
मुझको मेरा हिसाब देना है
Dr fauzia Naseem shad
"एक सुबह मेघालय की"
अमित मिश्र
నీవే మా రైతువి...
నీవే మా రైతువి...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
बरसात
बरसात
surenderpal vaidya
سیکھ لو
سیکھ لو
Ahtesham Ahmad
उधार  ...
उधार ...
sushil sarna
*तेरे इंतज़ार में*
*तेरे इंतज़ार में*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
शेखर सिंह
Bundeli Doha - birra
Bundeli Doha - birra
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं...!!!!
मोहब्बत मुकम्मल हो ये ज़रूरी तो नहीं...!!!!
Jyoti Khari
■ आज का मुक्तक...
■ आज का मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
Phool gufran
"We are a generation where alcohol is turned into cold drink
पूर्वार्थ
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
🌿 Brain thinking ⚘️
🌿 Brain thinking ⚘️
Ms.Ankit Halke jha
Loading...