ना जाने कौन सी बस्ती ,जहाँ उड़कर मैं आयी हूँ ,
ना जाने कौन सी बस्ती ,जहाँ उड़कर मैं आयी हूँ ,
मैं अपने साथ अपने , इन परों को साथ लायी हूँ ,
ना ये धरती ना ये आकाश , बारिश भी यहां गायब ,
यहाँ पर बादलों क्या यह सज़ा तुमने भी पायी है ।
नील
ना जाने कौन सी बस्ती ,जहाँ उड़कर मैं आयी हूँ ,
मैं अपने साथ अपने , इन परों को साथ लायी हूँ ,
ना ये धरती ना ये आकाश , बारिश भी यहां गायब ,
यहाँ पर बादलों क्या यह सज़ा तुमने भी पायी है ।
नील