ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
अरबो, खरबो, में से एक तुच्छ प्राणी हूँ,
इतना भी गूढ़ता न लिया करो मेरी बाते,
मैं भी तुम सा नादाँ नासमझ अज्ञानी हूँ !
!
डी के निवातिया
ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
अरबो, खरबो, में से एक तुच्छ प्राणी हूँ,
इतना भी गूढ़ता न लिया करो मेरी बाते,
मैं भी तुम सा नादाँ नासमझ अज्ञानी हूँ !
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डी के निवातिया