ना कल की फिकर
ना कल की फिकर
ना आज का सहारा
हम तो परिंदे
उड़ान का सफर हमारा।
हर दिन सुहाना
और रात का सितारा
यही दिखाते है रास्ता सारा।
दोस्तो की गुज़ारिश
रिश्तों में जुड़ी ख्वाइश
नशा किया था कहते है इश्क।
ना कोई बंदगी,
ना टूटने वाला धागा हूं,
में तो हर पल
खुदका सहारा हूं।
जिंदगी का लक्ष,
अपने जेहन में बंधा है,
मुस्कुराने का हर पल,
ये वादा निभाया है।
एक दुआ ने आज भी
हमे संभाला है,
धूप हो या बारिश
मैने मुश्किलों को हराया है।