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6 Aug 2022 · 1 min read

ना कर नजरअंदाज

ना कर नजरअंदाज

माना सहज नहीं था सफर-ए-अंदाज़,
फूलों संग कांटों को भी सहा है,
अपनों की नसीहत को कर नजरअंदाज,
परायों की महफिल को सजाया है।।

सीमा टेलर, छिम़पीयान‌‌‌ लम्बोर, चुरू, राजस्थान

Language: Hindi
3 Likes · 253 Views

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