Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2021 · 1 min read

नाही त विजया बेकार हो जाई

मूफत में गर प्यार हो जाई।
विजया के बेड़ा पार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।

उ नौ बजे तक सूतत बा ।
घर में केहू के न बूझत बा।
ऐसे अगर दशा रही त,
घर मे ओकरे मार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।

घूम – घूम के परेशान हो गइल।
लागत बा कि जहान खो गइल।
कवनो गउर लगत बा नाही,
कि विजया के उद्धार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।

सुन्नर मुन्नर ओके प्रेमिका चाही ।
जवन होखे सुंदरता में तबाही।
ओहि से शादी धूमधाम से करी,
वरमाला से सत्कार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।

शादी ख़ातिर घर बार बनवले।
दुल्हिनिया ख़ातिर बा हार बनवले।
दुलहिन के सोना से देइ पाट,
शादी के बाद स्वर्णकार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
2 Likes · 2 Comments · 628 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
Ravikesh Jha
*रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)*
*रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
दो रंगों में दिखती दुनिया
दो रंगों में दिखती दुनिया
कवि दीपक बवेजा
3245.*पूर्णिका*
3245.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
असर हुआ इसरार का,
असर हुआ इसरार का,
sushil sarna
कोशिश
कोशिश
विजय कुमार अग्रवाल
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
श्री राम
श्री राम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
यही सोचकर इतनी मैने जिन्दगी बिता दी।
यही सोचकर इतनी मैने जिन्दगी बिता दी।
Taj Mohammad
प्रेम पथिक
प्रेम पथिक
Aman Kumar Holy
मासी की बेटियां
मासी की बेटियां
Adha Deshwal
जब आप जीवन में सफलता  पा लेते  है या
जब आप जीवन में सफलता पा लेते है या
पूर्वार्थ
मर्द
मर्द
Shubham Anand Manmeet
छंद मुक्त कविता : अनंत का आचमन
छंद मुक्त कविता : अनंत का आचमन
Sushila joshi
उम्र ढली  तो ही जाना, महत्व  जोबन का।
उम्र ढली तो ही जाना, महत्व जोबन का।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जातियों में बँटा हुआ देश
जातियों में बँटा हुआ देश
SURYA PRAKASH SHARMA
*लफ्ज*
*लफ्ज*
Kumar Vikrant
"कहाँ छुपोगे?"
Dr. Kishan tandon kranti
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
शेखर सिंह
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
Dr.Pratibha Prakash
अधूरा प्रयास
अधूरा प्रयास
Sûrëkhâ
आप सभी साथियों को विजय दसवीं पर्व की ह्रदय तल से शुभकामनाएं
आप सभी साथियों को विजय दसवीं पर्व की ह्रदय तल से शुभकामनाएं
इशरत हिदायत ख़ान
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
May 3, 2024
May 3, 2024
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मन होता है मेरा,
मन होता है मेरा,
Dr Tabassum Jahan
चाँदनी रातों में बहार-ए-चमन,
चाँदनी रातों में बहार-ए-चमन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...