नाही त विजया बेकार हो जाई
मूफत में गर प्यार हो जाई।
विजया के बेड़ा पार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।
उ नौ बजे तक सूतत बा ।
घर में केहू के न बूझत बा।
ऐसे अगर दशा रही त,
घर मे ओकरे मार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।
घूम – घूम के परेशान हो गइल।
लागत बा कि जहान खो गइल।
कवनो गउर लगत बा नाही,
कि विजया के उद्धार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।
सुन्नर मुन्नर ओके प्रेमिका चाही ।
जवन होखे सुंदरता में तबाही।
ओहि से शादी धूमधाम से करी,
वरमाला से सत्कार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।
शादी ख़ातिर घर बार बनवले।
दुल्हिनिया ख़ातिर बा हार बनवले।
दुलहिन के सोना से देइ पाट,
शादी के बाद स्वर्णकार हो जाई।
अगुआ लोगन एक प्रेमिका ढूंढा,
नाही त विजया बेकार हो जाई।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी