—— नास्तिक ——
—— नास्तिक ——
_नास्तिक का अर्थ है,न अस्ति अर्थात जो विद्यमान नहीं है।जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है।जो न तो साकार रूप में न ही निराकार सर्वशक्तिमान की सत्ता को स्वीकार नहीं करता।नास्तिक स्वेच्छाचारी होता है।अच्छा या बुरा मनुष्य का स्वभाव एक प्रकृतिक रूप मानते हैं।जीवन एक बार मिलता है पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करते;इसलिये सारे सुख जैसे भी हो सके तो जुटाओ और उपयोग करो।धर्म का इनके जीवन में कोई स्थान नहीं होता।समाज के नियम कम ही मानते हैं।ऋषि चार्वाक इस सिद्धांत को मानने वाले थे।
विवेचना:—
राजेश’ललित’