नास्तिकता
नास्तिकता
कृतघ्नता को जन्म देती है
जबकि
आस्तिकता कृतज्ञता को
Atheism
gives rise to ingratitude
while theism
gives rise to gratitude.
“ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या “
नास्तिकता
कृतघ्नता को जन्म देती है
जबकि
आस्तिकता कृतज्ञता को
Atheism
gives rise to ingratitude
while theism
gives rise to gratitude.
“ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या “