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21 May 2023 · 1 min read

नारी

छोड़ दो वह कल की बाते,अब तो ये सब पे भारी है,
दुर्गा, लक्ष्मी और चंडी का अवतार आज की नारी है।

जंग मैदान की हो या संसार की ,
सरताज की वो अधिकारी है,
ममता,प्यार, कुरबानी का दूसरा नाम ही नारी है।

साहस, सामर्थ्य, सचाई की आधुनिक युग की जो परछाई है,
जिसने खुदसे अपनी राह बनाई वो ही इस युग की नारी है।

समाज में अपनी जगह बनाने आज भी इसकी लढाई है,
मंज़िल तक पहोचनेकी आज भी कोशिश जिसकी जारी है।

वो ही आजकी नारी है।
वो ही आज की नारी है।

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 164 Views
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