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19 Jul 2022 · 1 min read

नारी

******** नारी (कुंडलियां) *********
*******************************

नारी तुम नारायणी,सहती सारा भार।
तू ही जीवनदायिनी,देती जग को तार।
देती जग को तार,रहकर आप दुखयारी।
पूर्ण करती काज,होती निलय रखवाली।
नर करता आघात,सहती नार मुखत्यारी।
मनसीरत घर लाज,नसीबों वाली नारी।
*******************************
सुखविन्दर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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