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11 Feb 2021 · 1 min read

नारी

मैं आग हूँ मैं राख हूँ,
मैं पानी हूँ सैलाब हूँ,
ऊपर से शांत सुशील मैं,
मन से जंग का मैदान हूँ,
मैं पत्थर भी शीशा भी मैं,
अभिशाप हूँ गीता भी मैं,
इस धरती की जान हूँ,
मैं भोले का वरदान हूँ,
मैं नारी हूँ।

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 2 Comments · 291 Views

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