Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2016 · 1 min read

नारी

औरत ने जन्म दिया मर्द को,कभी किया न अभिमान
मर्द ने जाने कब जन्मा ,मर्द होने का भान

जन्मा,सींचा रक्त से अपने,दिखाया ये संसार
उसी को मसला, कुचला और बना दिया लाचार

जो रखती है कोख में,भरे नसो मे लहू को
उसी नारी को दोयम दर्जा,चाहे पत्नी, बेटी,बहू हो

करो तप चाहे जितने कठिन,नही होगा उद्दार
जब तक चीखोगे मर्द तुम,औरत नर्क का द्दार

इस जगत मे किसी को भी नही प्राप्त अमरत्व
तू है तब तक,जब तक है कायम ,नारी नाम का तत्व

Language: Hindi
547 Views

You may also like these posts

श्री गणेश वंदना:
श्री गणेश वंदना:
जगदीश शर्मा सहज
जीवन एक मैराथन है ।
जीवन एक मैराथन है ।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सजदा
सजदा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"किसी दिन"
Dr. Kishan tandon kranti
कशमें मेरे नाम की।
कशमें मेरे नाम की।
Diwakar Mahto
बड़े बच्चों का नाम स्कूल में लिखवाना है
बड़े बच्चों का नाम स्कूल में लिखवाना है
gurudeenverma198
हमने अपने इश्क को छोड़ा नहीं
हमने अपने इश्क को छोड़ा नहीं
Aditya Prakash
तेरा पागल दीवाना
तेरा पागल दीवाना
डॉ. एकान्त नेगी
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अन्हारे अन्हार,देसे देस
अन्हारे अन्हार,देसे देस
श्रीहर्ष आचार्य
*धोखा नहीं दिया है (गीत)*
*धोखा नहीं दिया है (गीत)*
Ravi Prakash
*खूबसूरत ज़िन्दगी*
*खूबसूरत ज़िन्दगी*
शिव प्रताप लोधी
- दिल में बसाया था तुझे -
- दिल में बसाया था तुझे -
bharat gehlot
सरदार भगतसिंह
सरदार भगतसिंह
Dr Archana Gupta
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
क्यूँ ख़ामोशी पसरी है
क्यूँ ख़ामोशी पसरी है
हिमांशु Kulshrestha
*विश्वास *
*विश्वास *
Rambali Mishra
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
Dr MusafiR BaithA
शिक्षा होने से खुद को  स्वतंत्र और पैसा होने से खुद को
शिक्षा होने से खुद को स्वतंत्र और पैसा होने से खुद को
पूर्वार्थ
आबो-हवा बदल रही  है आज शहर में ।
आबो-हवा बदल रही है आज शहर में ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
#पथ-प्रदीप
#पथ-प्रदीप
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
प्यार अक्सर झूठा ही होता है,
प्यार अक्सर झूठा ही होता है,
Ajit Kumar "Karn"
जीवन का सार।
जीवन का सार।
Rj Anand Prajapati
अपने शौक को जिंदा रखिए ..
अपने शौक को जिंदा रखिए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
Colours of Life!
Colours of Life!
R. H. SRIDEVI
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
Fitoor
Fitoor
A A R U
मुझे इंसानों में जीने का कोई शौक नही,
मुझे इंसानों में जीने का कोई शौक नही,
Jitendra kumar
शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है )
शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है )
पं अंजू पांडेय अश्रु
सत्य परख
सत्य परख
Rajesh Kumar Kaurav
Loading...