नारी
नारी हूं मैं
शक्ति का नाम मिला
पूजें जाने का वरदान भी मिला
पर क्या समाज में सम्मान मिला ?
बराबरी की सब बात करते है
फिर क्यों अठारह वर्ष की आयु में ही शादी की बात करते है ?
नारी से ही सारी सृष्टि है
सभी मानते है
फिर पहला संतान लड़का हो,
यहीं दुआ क्यों मांगते है
कहते है दो घर है , नारियों के
फिर दोनों घर में वो परायी क्यों है ?
क्या सचमुच इस समाज में नारी एक शक्ति का मान मिला ?