नारी शक्ति
नारी शक्ति
नारी अपने आप को भुलाकर
हर किरदार निभाती है
चाहे वह माँ पत्नी बेटी हो या बहू
नारी ही वह शक्ति है
जो हर घर को स्वर्ग बनाती है
बस जरा पंख खुलने दो उसके
वह आसमान में भी वायुयान उड़ाती है
यदि होता अत्याचार किसी के साथ
तो उसके लिए भी आवाज बन जाती है
हर रिश्तों में सब रिश्तें प्यारे होते
जहाँ वह दिल से हर रिश्ता निभाती है
नारी अपने आप को भुलाकर
हर किरदार निभाती है
देश धरा की आशा है नारी
जो प्रेम की भाषा सिखाती है
बाबुल का घर छोड़
जब अपने ससुराल जाती है
तब एक कुल की नहीं
वह दो कुल की शान बढ़ाती है
जब आंच कभी अपनों पर आती है
झाँसी तो क्या काली भी बन जाती है
नारी अपने आप को भुलाकर
हर किरदार निभाती है
सोनी गुप्ता
कालकाजी नई दिल्ली-19