नारी शक्ति को नमन
नारी शक्ति को नमन
रीति-नीति
छल,ढंभ,कुरीति
पग-पग प्रताड़न,प्रहार
बहु बाधा-विघ्न का
कलुषित अंबार
आत्मबल का उन्नयन
हौसलों का संचयन
विजित हुआ
विघ्नों का ये शैल शिखर
अबला नारी का तेज प्रखर
खड़ी कमर कस कर
चुनौतियों से लेने टक्कर
कुशल नटी बन,
नर्तन करता मन
लहराता आँचल
उन्मुक्त,निश्छल
नील नभ में
लहराते तिरंगे सा
अठखेलियाँ करते
किसी पतंगे सा
लहराते बाल
पुछते बादलों से सवाल
बता,नारी अबला कैसे?
शक्ति-स्वरूपिणी निर्बला कैसे?
मिट रही जग की भ्रांति
सफल हुआ गुलाबी क्रांति
छूने है आज गगन
नारी शक्ति को नमन
-©नवल किशोर सिंह