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8 Mar 2023 · 1 min read

नारी वो…जो..

नारी वो नभ जो सूरज को गोद खिला ले
नारी वो रात जो चंदा को माथे सजा ले

नारी वो नीर जो पर्वत चीर जाए निकल
नारी वो जल जो किसी रूप में जाए ढल

नारी वो बीज जो दबी मिट्टी से भी फूटे
नारी वो बालक जो झट मन जाए जब रूठे

नारी वो हिना जो पिस कर भी रंग बिखेरे
नारी वो बुनकर जो बुनती सपने सुनहरे

नारी वो प्रेमिका जो प्रेम में सब कुछ भूले
नारी वो पवन जो पतझड़ में भी झूला झूले

नारी वो शक्ति जो पी गरल शिव हो जाये
नारी वो भक्ति जो विष को अमृत कर जाये

नारी वो प्रेरणा जो पिंजरे गाती उड़ान के गीत
नारी वो पगली जो दिल हार दुनिया जाती जीत

महिला दिवस की अनंत शुभकामनाएँ
रेखांकन।रेखा

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 318 Views

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