Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2019 · 1 min read

नारी रूप

नारी तेरे कई रूप अवतार हुए हैं
हर रूप की महीमा अपरम्पार हुई हैं

प्रत्येक रूप तेरा बड़ा महान है
नारी गुणों की अदभुत खान है
सद् भाव सद्गुण विराजमान हैं
सहज,सरस व सरल स्वभाव है

मृदु भाषी है और वाणी में मिठास
किसी प्रति नहीं कड़वाहट खटास
चहुंओर फैलाती है प्रेमभरी मिठास
सादर मनभावन रसीला व्यवहार है

नारी दुर्गा,नारी लक्ष्मी,नारी सरस्वती
हर माता रूप मे है अवतार लिया
बन लक्ष्मीबाई, तारा,सुचेता,सहगल
स्वतंत्रता संग्राम महान सैनानी हैं

देवकी माता हो या हो यशोदा मैया
हर माता रूप सत्कार साकार किया
होलिका दहन में होलिका देह त्यागी
बहन की कर्तव्यनिष्ठ फर्ज निभाया हैं

माँ,बेटी,बहन,पत्नी और सखा सहेली
सास,बहू,बुआ,ननद,जेठानी ,देवरानी
चाची,ताई ,मौसी और.भाभी भरजाई
रिश्ते नातो में जिम्मेदारी खूब निभाई है

त्याग और बलिदान की प्रतीक हैं नारी
सहनशील ,कर्तव्य की मिशाल है नारी
चुपचाप सब सहती,घुट घुट के है मरती
ईच्छा को हरती नारी महान बन जाती है

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
1 Like · 352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जज़्बात पिघलते रहे
जज़्बात पिघलते रहे
Surinder blackpen
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
माँ की पीड़ा
माँ की पीड़ा
Sagar Yadav Zakhmi
जरूरी हैं रिश्ते
जरूरी हैं रिश्ते
Shutisha Rajput
माँ की चाह
माँ की चाह
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*यदि चित्त शिवजी में एकाग्र नहीं है तो कर्म करने से भी क्या
*यदि चित्त शिवजी में एकाग्र नहीं है तो कर्म करने से भी क्या
Shashi kala vyas
पुस्तकें और मैं
पुस्तकें और मैं
Usha Gupta
धैर्य बनाए रखना
धैर्य बनाए रखना
Rekha khichi
4371.*पूर्णिका*
4371.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आइये हम ये विचार करें
आइये हम ये विचार करें
Dr.Pratibha Prakash
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
Krishan Singh
"मनुष्य की प्रवृत्ति समय के साथ बदलना शुभ संकेत है कि हम इक्
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
मुझे चित-चोर कहती है
मुझे चित-चोर कहती है
आकाश महेशपुरी
न जाने कहाँ फिर से, उनसे मुलाकात हो जाये
न जाने कहाँ फिर से, उनसे मुलाकात हो जाये
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
SPK Sachin Lodhi
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
Ashwini sharma
महाप्रयाण
महाप्रयाण
Shyam Sundar Subramanian
आँखें
आँखें
Geet
बेशक मित्र अनेक
बेशक मित्र अनेक
RAMESH SHARMA
नवयुग निर्माण में हमारे सपने
नवयुग निर्माण में हमारे सपने
Sudhir srivastava
👍संदेश👍
👍संदेश👍
*प्रणय*
कालू भैया पेल रहे हैं, वाट्स एप पर ज्ञान
कालू भैया पेल रहे हैं, वाट्स एप पर ज्ञान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1.
कवि रमेशराज
कहीं तीसी फुला गईल
कहीं तीसी फुला गईल
कुमार अविनाश 'केसर'
किया जाता नहीं रुसवा किसी को
किया जाता नहीं रुसवा किसी को
कवि दीपक बवेजा
"एक नज़र"
Dr. Kishan tandon kranti
मोहक हरियाली
मोहक हरियाली
Surya Barman
अनंत है जिंदगी अनन्त के लिए
अनंत है जिंदगी अनन्त के लिए
Anant Yadav
नैन (नवगीत)
नैन (नवगीत)
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Loading...