नारी दिवस पे दुनिया की हर नारी को नमन
उनसे ही मिली जिंदगी है , और ये जीवन
उनसे ही गुलजार यहां , ममता का चमन
त्याग से उनके बड़ा न, कुछ जहां में है
नारी दिवस पे दुनिया की हर नारी को नमन
इतनी ममता से भरी दुनिया नहीं होती
हम भी न होते जो हमारी मां नहीं होती
मौसी से और चाची से पाए प्यार के हिस्से
जीवन की है थाती वो नानी- दादी के किस्से
राखी में प्यार -स्नेह सदा बांधती बहन
नारी दिवस पे दुनिया की हर नारी को नमन
खुशियों की खान लाए बनके आए जो भाभी
पत्नी के रुप में बने वो, भाग्य की चाभी
किलकारियों से गूंजे सारे तार वो मन के
जब जिंदगी में आए नन्हीं बेटी वो बन के
सबको रुलाती जाती है, बनके जब दुल्हन
नारी दिवस पे दुनिया की हर नारी को नमन
नारी की सहनशक्ति का न जोड़ कोई है
ब्रह्मांड में उस सा न हुआ और कोई है
उनपे नाज सदियों से है कर रहा वतन
उनका हृदय सरल है और भावना पावन
औरों के नाम जीती है, वो सदा जीवन
नारी दिवस पे दुनिया की हर नारी को नमन
विक्रम कुमार
मनोरा ,वैशाली