नारी तु महान है
नारी तु महान है
नारी तू महान है,,
सबका अभिमान है,,
जन्म दात्री माता है,,
स्नेह की अनुपम छवि है,,,
करुणा की गागर है,,
ममता की मूरत है,,,
परिवार की धुरी है,,,
नही तू कभी अधूरी और अबला नही है तू,,,,
नारी तू महान है,,,,,,,,,,,,,
सबका अभिमान है,,,,,,,,,,,,
सृष्टि का आधार है,,,
पति की जीवन साथी है,,,
भाई की राखी स्नेह की डोरी है,,,
त्याग की तू ही मूरत है,,,
नही तू कभी अधूरी और अबला नही है तू,,,,,
नारी तू महान है,,,,,,,,,
सबका अभिमान है,,,,,,,
नारी तू ग्रहणी है,,,,,
ये जग ही तेरा ऋणी है,,,,
तू ही सर्वत्रपूजी जाती है,,,
तू विधाता का अनमोल उपहार है,,,
तू ही बच्चों की पालनहार है,,,,
नही तू कभी अधूरी और अबला नही है तू,,,,,,,,
नारी तू महान है,,,,,
सबका अभिमान है,,,,,,,
परिवार की सेवा करती है,,,
देश सेवा में भी पिछे नही हटती है,,,,
राजनीति में भी हिस्सा तू लेती है,,,,
पुरुषों पर भी कभी कभी तू भारी पड़ती है,,,,
नही तू कभी अधूरी और अबला नही है तू,,,,,,,,,,,
नारी तु महान है,,,,,,,
सबका अभिमान है,,,,,,,,
रचनाकार-गायत्री सोनू जैन
सहायक अध्यापिका मन्दसौर
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