Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2020 · 1 min read

नारी तुम विविध रूप में हो

नारी तुम श्रद्धा हो
नारी तुम अटूट विश्वास हो
सुन्दर मुस्कान हो
मधुर अहसास हो
नारी तुम विविध रूप में हो

जीवन की कठिन राह पे चट्टान हो
निर्मम अंधियारे में बनी उम्मीद की किरण
कभी तरुवर की शीतल छाया सी
तो कभी तटिनी सी प्रवाहमयी
नारी तुम सदैव हो आशामयी
नारी तुम विविध रूप में हो

विशाल हृदय लिए प्रेम का दरिया हो
जीवन का अद्भुत नजरिया हो
बनी अर्धांगिनी तो कभी ममतामयी
दुर्गा रूप निरंजनी कभी लक्ष्मी स्वरूपा
नारी तुम विविध रूप में हो

सर्व जगत का आधार हो तुम
शक्ति का आधार हो तुम
दया , ममता प्यार करुणा
सब गुणो की खान हो तुम
नारी तुम विविध रूप में हो

Language: Hindi
3 Likes · 417 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Neha
View all
You may also like:
एहसास के सहारे
एहसास के सहारे
Surinder blackpen
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
.
.
*प्रणय*
World Books Day
World Books Day
Tushar Jagawat
अंधा वो नहीं होता है
अंधा वो नहीं होता है
ओंकार मिश्र
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माँ
माँ
Harminder Kaur
उहे सफलता हवय ।
उहे सफलता हवय ।
Otteri Selvakumar
अद्वितीय प्रकृति
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
gurudeenverma198
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
खेलों का महत्व
खेलों का महत्व
विजय कुमार अग्रवाल
"कलम का संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
Anis Shah
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
निराशा से बड़ी है आशा जो
निराशा से बड़ी है आशा जो
Sonam Puneet Dubey
कोई क्या करे
कोई क्या करे
Davina Amar Thakral
कभी  विवादों में यूँ रहकर देखा।
कभी विवादों में यूँ रहकर देखा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुण्डल / उड़ियाना छंद
कुण्डल / उड़ियाना छंद
Subhash Singhai
पहचान तो सबसे है हमारी,
पहचान तो सबसे है हमारी,
पूर्वार्थ
57...Mut  qaarib musamman mahzuuf
57...Mut qaarib musamman mahzuuf
sushil yadav
–स्वार्थी रिश्ते —
–स्वार्थी रिश्ते —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
"" *मैंने सोचा इश्क करूँ* ""
सुनीलानंद महंत
देवी,शक्ति और जगदम्बा
देवी,शक्ति और जगदम्बा
Chitra Bisht
माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुली पलक में झूठ के,
खुली पलक में झूठ के,
sushil sarna
तुझे किस बात ला गुमान है
तुझे किस बात ला गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
Loading...