नारी तुम विविध रूप में हो
नारी तुम श्रद्धा हो
नारी तुम अटूट विश्वास हो
सुन्दर मुस्कान हो
मधुर अहसास हो
नारी तुम विविध रूप में हो
जीवन की कठिन राह पे चट्टान हो
निर्मम अंधियारे में बनी उम्मीद की किरण
कभी तरुवर की शीतल छाया सी
तो कभी तटिनी सी प्रवाहमयी
नारी तुम सदैव हो आशामयी
नारी तुम विविध रूप में हो
विशाल हृदय लिए प्रेम का दरिया हो
जीवन का अद्भुत नजरिया हो
बनी अर्धांगिनी तो कभी ममतामयी
दुर्गा रूप निरंजनी कभी लक्ष्मी स्वरूपा
नारी तुम विविध रूप में हो
सर्व जगत का आधार हो तुम
शक्ति का आधार हो तुम
दया , ममता प्यार करुणा
सब गुणो की खान हो तुम
नारी तुम विविध रूप में हो