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16 Feb 2024 · 1 min read

नारी तुम महान

-नारी तुम महान

नारी तुम तो हो महान,
नारी तुम सकल गुण की खान।
धर्म, कर्म, नेह, प्यार , त्याग,
धारे सहनशीलता और अनुराग।
मायके या खुद का ससुराल,
दोनों घर की रखती तुम लाज।
अपनी ममता, क्षमता से
रखती नारी सबका निःस्वार्थ ध्यान।
निज हुनर कार्यशैली से,
सम्भाल लेती हो सम्पूर्ण काम।
ऊफ तक नहीं करती तुम,
निरंतर जारी,नहीं करें कभी विश्राम।
स्वामिनी कहूं घर की मैं तुम्हें,
नारी तुम हो मनु के जीवन आधार।
जीव जन्म तुमसे ही होता,
बन जाती मृदु धरा और आसमान।
त्याग तपस्या से पालकर,
बना देती पूत से सुत महान।
नहीं आंकती स्वयं को कभी,
पीना भी पड़े चाहे घूंट अपमान।
संरक्षक बन निःस्वार्थ भाव से,
नारी ही तुम ही हो जीवन प्राण।
अबला सी सबला तुम,
तुम से ही बनता घर मकान।
लोक, लाज,लालित्य वाम
खिलती दिखती मधुर मुस्कान।
नारी बिन जीवन असम्भव,
जैसे चांद सूरज बिन सुबह-शाम ।
गीली मिट्टी नमी तुझमें, गर्मी भाप मान
सूझबूझ से ढूंढे हर समस्या का समाधान।
सम्पूर्ण मानव जाति की हो,
नारी तुम ईश्वर का अनमोल वरदान।
अन्नपूर्णा, दुर्गा ,सीता और काली,
कहलाएं तू मां,भार्या,बहिन,सुता भगवान।
भूलें ना कभी भी तेरा अहसान
नारी्,गीत,ग़ज़ल,कविता, छन्द
मानव का तुम हो पाक स्वाभिमान।
क्यूं ना करें हम तेरा सम्मान,
नारी सचमुच तुम तो हो महान।
– सीमा गुप्ता,अलवर राजस्थान

Language: Hindi
73 Views

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