नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
वीरांगना नारियां ही बनती हैं वीर-प्रसूता।।
हर युग में कवि गाते आए हैं नारी की महिमा,
नारी की क्षमता-ममता को जा न सका है कूता।।
© महेश चन्द्र त्रिपाठी
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
वीरांगना नारियां ही बनती हैं वीर-प्रसूता।।
हर युग में कवि गाते आए हैं नारी की महिमा,
नारी की क्षमता-ममता को जा न सका है कूता।।
© महेश चन्द्र त्रिपाठी