नारी की प्रार्थना?
त्रिया जन्म न दइयो हरि मोहे।२—ममता मई और नाजुक बनाई।गठ बंधन से दुनिया रचाई। दुष्टों के हवाले न करियो ,हरि मोहे त्रिया जन्म न दइयो हरि मोहे।ज्यो ज्यो मैं भई सयानी। माता-पिता को भई गिलानी। दहेज मांगने से दूरी बनाइयो।हरि मोहे त्रिया जन्म न दइयो हरि मोहे।आज गर्भ में मार रहे हैं लोग। समझ रहे हैं वस्तु भोग। बिटिया जन्म न दइयो हरि मोहे त्रिया जन्म न दइयो हरि मोहे।