नारी का सम्मान
“नारी का सम्मान”
इंसान तभी कहलाओगे, जब नारी का सम्मान करो,
अबला समझकर उसको, ना उसका अपमान करो।
:-वो माँ भी तो 1 नारी है
जिसने कफ़न सिरहाने रखकर तुम्हे जाया था।
खुद सोकर के गीले में तुम्हे सूखी जगह सुलाया था।
:-वो बहन भी तो 1 नारी है
जिसने देकर अपने खिलौनों तुम्हे खिलाया था।
पकड़ कर उसने हाथ तुम्हारा चलना तुम्हे सिखाया था।
:- वो पत्नी भी तो 1 नारी है
जो तुम्हारे भरोसे पर अपना सब छोड़कर आई थी।
हरकर दुःख तुम्हारे सारे खुशियां चुराकर लायी थी।
:-वो दोस्त भी तो 1 नारी है
जिसके कंधे पर सिर रखकर हर दर्द में तुम रोये थे।
जाने अनजाने रातों में जिसके ख्वाबो में तुम खोये थे।
:-वो बेटी भी तो 1 नारी है
जिसे लाड़ प्यार से पाल पोष कर तुमने बड़ा किया।
देकर हिम्मत उसके पैरों में, जीवन पथ पर खड़ा किया।
देकर दुआ सुषमा मलिक को, इसके हौसलों को बलवान करो।
इंसान तभी कहलाओगे, जब तुम नारी का सम्मान करो
सुषमा मलिक,
रोहतक
महिला प्रदेशाध्यक्ष CLA हरियाणा