नारी और पुरुष
अगर नारी सम्मान की हक़दार है,
तो पुरुष को भी सम्मान का अधिकार है,
क्यों इतने लेख,कविताये,और दिन नारियों के लिए बनाये जाते हैं,
क्यों हर बार पुरुष ही गलत ठहराए जाते हैं,
सत्य है की नारी बिना सूना ये संसार है,
मगर पुरुष के बिना नारी भी तो बेकार है,
चलती नहीं है दोनों के बिना ही जीवन की नईया,
अगर नारी है जीवन की पतवार पुरुष है उसका खिवैया,
संसार की किताब में दोनों का ही बराबर योगदान है,
नारी अगर भक्त है तो पुरुष ही उसका भगवान है,
अपनी सोच को थोड़ा सा बुलंद करो,
और ये बेकार के त्यौहार मनाना बंद करो,RASHMI SHUKLA