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8 Oct 2019 · 1 min read

नारी उत्थान

खूब होती हैं बातें
नारी स्थिति सुधार की
पर रह जाती हैं सीमित
वातानुकूलित कमरों तक
नारी उत्थान सम्मान मंच
नारु सुधार कार्यक्रम तक
नेताओं, समाज सुधारकों के
चुटीले ओजस्वी भाषण तक
खूब करते हैं जोशीली बातें
ऐसा लगता है जैसे बस
हो जाएगा नारी उत्थान
हो जाएगी स्थिति सुदृढ़
नहीं रहेगी कोई समस्या
होगा यथासंभव समाधान
पर यह कहना होगा आसान
मात्र वार्तालाप से नहीं होगा
उतरना होगा जमीन पर
अर्श पर नहीं फर्श पर हो प्रयास
निज स्वार्थों से ऊपर उठकर
समझनी होगी कीमत
उनके मोती के समान
अनमोल बहते आँसुओं की
क्या यह सब सच हो पाएगा
कल्पना यथार्थ हो जाएगी
चमकेगी उनकी आँखें
पूरे होंगे सपने अरमान
जी सकेंगी पौरुष समाज में
पुरुष सम सीना तानकर
यदि यह हुआ यथार्थ
होगा आठवां अचरज
सुधर जाएगा
विश्व देश समाज
होगा यह कथन साकार
जब नारी होगी स्वतंत्र
तब होगा देश स्वतंत्र
ओर कहेंगे हम
जब जागो तभी सवेरा

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
251 Views
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