नारीशक्ति कि मिशाल फूलन देवी
आज मैं #किसानपुत्री_शोभा_यादव बात करूँगी एक साधारण नारी की जो बाद मे डकैत, सासंद , चंबल कि रानी ,और महिलाओं कि मिशाल बनी।
सबसे पहले
आज उस बिरंगाना को कोटि-कोटि नमन जिसने अपने शरीर को नोचने वाले 21 दरिंदों को लाइन में खड़ा करके छाती में गोली मारी थी
#फूलन देवी
नारीशक्ति_को सलाम ?????
एक दस साल की लड़की, जो अपने बाप की जमीन के लिए लड़ गई थी. या एक बालिका-वधू, जिसका पहले उसके बूढ़े ‘पति’ ने रेप किया, फिर श्रीराम ठाकुर के गैंग ने. या एक खतरनाक डाकू, जिसने बेहमई गांव के 22 लोगों को लाइन में खड़ा कर मार दिया था. या फिर उस ‘चालाक’ औरत के रूप में, जो शुरू से ही डाकुओं के गैंग में शामिल होना चाहती थी. वो औरत, जिसकी जिंदगी पर फिल्म बनाकर उसका बलात्कार दिखाने वाले शेखर कपूर ने उससे पूछा भी नहीं था. या शायद एक पॉलिटिशियन के तौर पर, जिसने दो बार चुनाव जीता. या फिर एक औरत, जो खुद से मिलने आये ‘फैन’ शेर सिंह राणा को नागपंचमी के दिन खीर खिला रही थी, बिना ये जाने कि कुछ देर बाद यही आदमी उसे मार देगा.
फूलन
दस साल की उम्र में भी फूलन के तेवर वही थे
10 अगस्त 1963 को यूपी में जालौन के घूरा का पुरवा में फूलन का जन्म हुआ था. गरीब और ‘छोटी जाति’ में जन्मी फूलन में पैतृक दब्बूपन नहीं था. उसने अपनी मां से सुना था कि चाचा ने उनकी जमीन हड़प ली थी. दस साल की उम्र में अपने चाचा से भिड़ गई. जमीन के लिए. धरना दे दिया. चचेरे भाई ने सर पे ईंट मार दी.
इस गुस्से की सजा फूलन को उसके घरवालों ने भी दी. उसकी शादी कर दी गई. 10 की ही उम्र में. अपने से 30-40 साल बड़े आदमी से. उस आदमी ने फूलन से बलात्कार किया. कुछ साल किसी तरह से निकले. धीरे-धीरे फूलन की हेल्थ इतनी खराब हो गई कि उसे मायके आना पड़ गया. पर कुछ दिन बाद उसके भाई ने उसे वापस ससुराल भेज दिया. वहां जा के पता चला कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है. पति और उसकी बीवी ने फूलन की बड़ी बेइज्जती की. फूलन को घर छोड़कर आना पड़ा.