नाम से तेरे
हाय ये हम पे कैसी करामात हो गई
जिसका था हमें डर वही बात हो गई
सांसो मे थी जो उलझने अब भुल गये हम
नाम से तेरे दिल को राहात हो गई
मिल जाऐ कुछ पल आराम की घड़ी
जुल्फो को उस ने खोल दिया रात हो गई
तुझसे मिलने कि मेरे मन मे थी आरजू
हो गई जो पुरी ये तो सौगात हो गई
गर जो मोहन कदम तु सहज से बढाएगा
जिदंगी फिर तेरी ये विख्यात हो गई