नाम कोरोना, अज़ब व्याधि
तन,मन,धन पुरुषार्थ कामुकता आधी.
देखों भाई नाम कोरोना अज़ब व्याधि.
तेज रफ़्तार से दौड़ती देखों ये जिंदगी,
आपाधापी व्याप्त,जिंदगी कैसी बंदगी,
थम सी गई है अकारण देखों पंथी,
बाह्य आक्रमण कहें या जीवनशैली.
गुंजाइश देखों गिननी पड़ी गिनती,
नाम है कोविड मानता नहीं विनती.
अदृश्य है,संक्रामक भी,न करो गलती.
दो गज की दूरी मुख पर मास्क जरुरी.
बिन हाथ साफ़ किए,मुँह से रखे दूरी.
इलाज में, परहेज़ ही है, बेहद जरूरी.
रफ़्तार रुक गई, लौट आई बैलगाड़ी,
पीड़ित व वैद्य कहे बिमारी घणी टेड़ी,
रुप बदलकर करता वार, बिन गाड़ी.
ठीक होने वास्ते चाहिए कमाई गाढ़ी,
जन्मजात सवर्ण अछूत कहाये व्याधि.
झलका दर्द जब ए पीड़ित होवे समधी.
Renu Bala Hans
H.no.943/Sec.4
Rewari (Haryana)