नाम का रिश्ता
इतनी बदसलूकी से तो
कोई एक कूड़ेदान में पड़े
कूड़े से भी पेश नहीं आता
जितना वह अपने
घरवालों से आता है
बस नाम का रिश्ता है
ताल्लुक तो कोई रखता नहीं
व्यवहार में कहीं
बहुत ज्यादा कमी है
या तो सामने ही नहीं पड़ता
कन्नी काटता है या
जब कभी बोलता है तो
लड़ाई झगड़े पर उतर
आता
ऐसे लोगों के
दिल और दिमाग
किस चीज के बने होते हैं
पत्थर के तो नहीं
पत्थर को भी तराशा जाये तो
वह भी निखरकर
समय के साथ कुछ
आकार तो पा ही जाता है
यहां तो कुछ भी समझना
असम्भव सा प्रतीत होता है
दिल की धड़कनों के बिना
दिल कैसे धड़कता है
अपनों के बिना कोई कैसे
जीता है
ऐसी मानसिक स्थिति पर
मेरा मन अब तक शोध करने में
सफल हो न पाया।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001