नाम कमा ले जग में अपना _ गीत
बीत रही है यह जिंदगानी _इसे यूं ही न जाने दे।
करता जा कोई काम तू ऐसा_ पीछे सबको आने दे।।
नाम कमा ले जग में अपना औरों को भी कमाने दे।।
(१)
हाथ में तेरे अपनी मंजिल राह तू किसकी तकता है।
पंछी जगते बिन जगाए तू काहे को नहीं लगता है।।
सुबह सवेरे जाग जा जल्दी चिंतन नव नित आने दे।
नाम कमा ले जग में अपना औरों को भी कमाने दे।।
(२)
मेहनत के बल पर तू भी क्या कुछ नहीं पा सकता है। मंजिल ही हो लक्ष्य अगर कहां कोई फिर थकता है।।
निकल ले तू भी पथ पर अपने लक्ष्य पास आ जाने दे।
नाम कमा ले जग में अपना औरों को भी कमाने दे।।
(३)
गीत लिख दिया तेरे खातिर आखिर तक पढ़ते रहना।
मंजिल पाने तक मेरे साथी कदम कदम बढ़ते रहना।।
जीत मिलेगी मीत एक दिन विश्वास को मत जाने दे।
नाम कमा ले जग में अपना औरों को भी कमाने दे।।
राजेश व्यास अनुनय