नाम इंसानियत का
सबक़ नफ़रतों के सभी पढ़ा देना,
चिराग घरों के सभी बुझा देना ।
इंसा होना अगर समझ नहीं आये।
नाम इंसानियत का मिटा देना ।
तेरी दुनिया और तुम ख़ुदा उसके ।
आग पानी में तुम लगा देना ।
कोशिश करके भी हार जाओगे ।
इतना आसां नहीं हमे मिटा देना ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद