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5 Mar 2022 · 1 min read

नामर्द

खुदगर्ज है
बेहद खुदगर्ज है
इसके सिर पर
इसके मां बाप का भी न कोई
कर्ज है
इसके दिल में न किसी के लिए
प्यार
न हमदर्दी
न ही कैसा भी दर्द है
पत्थर सा ठोस है
बर्फ सा ठंडा
न एक अच्छा बेटा
न भाई है
मर्द है
न जाने किस मिट्टी का बना
जो अपनों के ही काम न आ सके
अपने फायदे के लिए उन्हें जिंदा मारकर
कच्चा खा सके
मेरी नजर में
देखा जाये तो
वह एक नामर्द है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 406 Views
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