नामकरण।
छोटे भाई का विवाह संपन्न कर पूरा परिवार वापस मुम्बई आ गया था। चार बहनों का एकमात्र दुलारा भाई था। सब लोग बहुत प्रसन्न थे। एक बहन ने विवाह सकुशल निपट जाए इसके लिए सत्यनारायण जी की कथा सुनेगी यह मनौती की थी। कथा समाप्त होने के पश्चात भोजन का भी प्रबंध था।
भोजन का समय आया तो सरिता , कविता , नमिता तीनों के पति नदारद थे। परिवार वाले समझ गए कि यह तीनों एक साथ हैं तो क्या कर रहे होंगे।
सबको फोन लगाया गया , सरिता , कविता , नमिता तीनों के पतियों को फोन लगाया गया। सरिता , कविता के पतियों ने काल रिसीव किया और कहा कि थोड़ी ही देर में पहुंचते हैं। नमिता का पति फोन ही नहीं उठा रहा था।
नमिता बार बार फोन कर रही थी। तभी एक बच्चा सेलफोन लेकर आया और बोला फोन तो घर में ही पड़ा है। कविता ने फोन हाथ में लिया और काल लॉग चेक करते ही उसका चेहरा तमतमा गया उसने नमिता की तरफ देखा और बोली – देख तेरा कॉन्टैक्ट नंबर किस नाम से सेव किया है।
स्क्रीन पर “माई क्यूटी क्यूटी कूतिया” कूं कूं कर रही थी।
नमिता – उनका फोन हैं , जिस नाम से चाहे सेव करें।
कविता – तुझे गुस्सा नहीं आ रहा , तू कूतिया है ?
नमिता – हूं तो नहीं , पर उनको लगता होगा।
कविता – ठहर , आने दे खबर लेती हूं।
नमिता – जाने दो दीदी।
कविता – तू चुप बैठ।
यथार्थ यानी नमिता के पति के आते ही कविता उसपर टूट पड़ी और उसे भला बुरा कहने लगी। कुछ देर तक वह चुपचाप बैठा रहा फिर भड़क गया और बोला कि मैं इतना अपमान नहीं सह सकता , मैं खाना नहीं खाऊंगा , वापस जाता हूं।
कविता फिर दहाड़ी – एक तो ऐसी घटिया हरकत करते हो और उसपे इतना ताव !
यथार्थ ने कुछ नहीं कहा , गैलरी ओपन की और उसमें से एक स्क्रीन शॉट कविता के सम्मुख रख दिया। कविता की भौंहें सिकुड़ गईं।
स्क्रीन शॉट पर लिखा ” माए बास्टर्ड डॉग टॉमी” भौं भौं कर रहा था।
यथार्थ गुस्से से – शुरुआत इसने कि तो मैने भी इसे ज़बाब दिया , यदि मैं कुत्ता हूं तो ये क्या हुई।
इस पूरे कन्वर्सेशन में नमिता खामोश बैठी थी। कविता का क्रोध उसकी तरफ मुड़ा – तूने ऐसी हरकत की थी , क्यों नहीं बताया , मेरा बेवजह यथार्थ से झगड़ा हो गया। तुम्हारे पति पत्नी का मामला है , जिस नाम से चाहो एक दूसरे को बुलाओ।
नमिता – मैं तो कह रही थी , कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
तभी प्रतीत चिल्लाने लगा – मौसा टॉमी मौसी नोमी, मौसा टॉमी मौसी नोमी , भौं भौं , कूं कूं।
सब अचानक हंसने लगे। माहौल हल्का हो गया।
Kumar Kalhans