नानी का घर (बाल कविता)
नानी का घर (बाल कविता)
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काश सभी की नानी के घर
हिल- स्टेशन होते,
मई-जून की गरमी में फिर
बच्चे कभी न रोते
स्कूलों की छुट्टी होती
नानी के घर जाते,
ठंडी हवा पहाड़ों वाली
गर्मी-भर सब खाते
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997 61 5451