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3 Dec 2022 · 1 min read

नादान दिल

नादान तो यह दिल था
जो बीच समंदर किनारा ढूंढ रहा था
उनकी ना में भी कहीं हां ढूंढ रहा था
गुलाब की पत्तियों को तोड़ , प्यार में अपनी किस्मत आजमाते थे कई बार हम
शायद उन पत्तियों के साथ ही कन्ही मेरा प्यार भी टूट रहा था ।

Language: Hindi
95 Views
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