नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
दया करो तुम दया निधि,आन पड़ा तेरे द्वार
आन पड़ा तेरे द्वार, तुम्हे नित शीश झुकाऊं
शरण पड़ा में आन,प्रभु में चरण दवाऊं
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
दया करो तुम दया निधि,आन पड़ा तेरे द्वार
आन पड़ा तेरे द्वार, तुम्हे नित शीश झुकाऊं
शरण पड़ा में आन,प्रभु में चरण दवाऊं