नाते शरीक़
आ गये आ गये ——रहनुमा आ गये
दो सलामी ——हबीबे-ख़ुदा आ गये
ज़िन्दगी को ——-बक़ा देनेे के वास्ते,
दर्द मंदों के ग़म —–की दवा आ गये
गुल महकने लगे खिल गयी हर कली,
बन के गुलशन में– बादे सबा आ गये
चाँद सूरज सितारों- की औक़ात क्या,
सजदे में अर्श पे —–अम्बिया आ गये
आज प्रीतम न क्यों– नाज़ उन पे करे,
शक्ले-मुरशिद में -सल्ले अला आ गये
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)