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19 Dec 2018 · 1 min read

नाते शरीक़

आ गये आ गये ——रहनुमा आ गये
दो सलामी ——हबीबे-ख़ुदा आ गये

ज़िन्दगी को ——-बक़ा देनेे के वास्ते,
दर्द मंदों के ग़म —–की दवा आ गये

गुल महकने लगे खिल गयी हर कली,
बन के गुलशन में– बादे सबा आ गये

चाँद सूरज सितारों- की औक़ात क्या,
सजदे में अर्श पे —–अम्बिया आ गये

आज प्रीतम न क्यों– नाज़ उन पे करे,
शक्ले-मुरशिद में -सल्ले अला आ गये

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)

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