नाता इंसानियत का — गजल /गीतिका
नाता इंसानियत का निभा जाएंगे।
इंसान है इंसान का साथ निभाएंगे।
आवाज देकर परख लेना यारो हमें।
छोड़ काम सारे,दौड़े चले आएंगे।।
जीने वाले जीते रहे,काम सब अपने करे।
किसी के कामों में टांग नहीं अड़ाएंगे।।
संस्कार स्वीकार, संस्कृति हमारा आधार।
निराधार रहे तो कैसे मंजिल पाएंगे।।
चलिए आइए पाइए आगे बढ़ते जाइए।
जीवन अनुनय सामंजस्य से ही बिताएंगे।।
राजेश व्यास अनुनय