नाचेगा चढ़ आपके
नाचेगा चढ़ आपके, ..सिर पर वो इंसान ।
दिया उसे औकात से,यदि ज्यादा सम्मान।।
हुई सोच इंसान की,जब जब भी विपरीत ।
हो जाती है बुद्धि तब,उसकी स्वयं पलीत ।।
रमेश शर्मा.
नाचेगा चढ़ आपके, ..सिर पर वो इंसान ।
दिया उसे औकात से,यदि ज्यादा सम्मान।।
हुई सोच इंसान की,जब जब भी विपरीत ।
हो जाती है बुद्धि तब,उसकी स्वयं पलीत ।।
रमेश शर्मा.