नाक में दम
आंदोलन अनशन करो , कर दो चक्काजाम।
अब तो हिंदुस्तान में, प्रतिदिन का यह काम।।
प्रतिदिन का यह काम, नाक में दम कर दी है।
सुलगा सकल समाज, आग अंदर भर दी है ।।
निंदा ,स्वार्थ, विरोध, घृणा से भरा हुआ मन।
अगर करे सहयोग , न होगा फिर आंदोलन।।
कुंडलिया छंद,, मात्रिक १३-११, ११-१३, ११-१३ दो दो पद समतुकांत
जगदीश शर्मा