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4 Jul 2018 · 1 min read

नाकाम व्यवस्था

जमाना सख्त होकर जब किसी को सताएगा
तभी कोई लड़े जंग और तलवारे उठाएगा

व्यवस्था हो चली नाकाम इतनी आज ऐसी क्यों
उठा आवाज अपनी बात कोई तो सुनाएगा

अमीरों ने किया शोषण गरीबों का हमेशा ही
कब्रों पर क्यों भवन ऊँचे गगनचुम्बी बनाएगा

सुधर पाये न यदि हम जिन्दगी दूभर होगी
समय की माँग को तब वक्त कैसे फिर चुकाएगा

समझ उसको खिलोना जब जमाना खेल खेलेगा
उतर कर कों धरा पर हौसला उसका बढ़ाएगा

Language: Hindi
76 Likes · 610 Views
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