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22 Apr 2024 · 1 min read

नाकामयाबी

नाकामयाबी

मस्तक पर तु हो. विराजमान
प्रयास सफलता के हो अन्तरग्यान
प्रयाग की बेला पर तेरा हो वरण
कर्मठता के प्रयाण से चुमे सदा मेरा वो चरण
कर्म की दृढ संकल्पता को जरिया मान
बेमतलब तलाशा नहीं उस नाकामयाबी को
सुख में वो मुझसे परे होकर
मुहिम करने लगी-प्रयास का
दुख का बस तुम्ही सहारा होकर
‘सफलता पर बनी प्रयाण था।
कर्म की दृढ संकल्पता का जरिया बन
बेमतलब तलाशा नहीं उस कामयाबी को
साया बन वो पग-पग पर
मायुषी का वो दृढ प्रयाण थी,
आया वो कर्म रथ की लाचारी पर
वो नाकामयाबी तो सफलता का प्रयाण थी।
कर्म की दृढ़ संकल्पता का जरिया बन
बेमतलब तलाशा नही उस नाकामयाबी को ,
वो रग रग से निकलकर
कर्म प्रयाग के प्रयास का ताला था।
मिला नही वो मिस्त्री जो निकालकर
सफलता की चाबी का आला हो।

Language: Hindi
1 Like · 148 Views

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