नाउम्मीदी
पेड़ के नीचे
यह सोचकर बैठी थी कि
पल दो पल
आराम से इसकी छाया में
बैठूंगी
जैसे ही बैठने को हुई
वह मुझ पर खुद को
गिराने को
मुझे मारने को
मेरे अरमानों की लाश
एक पेड़ से गिरे
सूखे झड़े हुए पत्तों की तरह
जमीन पर बिछाने को
पहले से ही तैयार बैठा था
जिसने कभी किसी का
बुरा नहीं किया था
उससे इतनी नाउम्मीदी
हाथ लगेगी
यह उम्मीद मुझे
दूर दूर तक
सपने में भी नहीं थी।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001