नही मिलेंगें यार
खाई थी कसमें कभी, ..नही मिलेगें यार ।
आते हो फिर ख्वाब में, क्यों मेरे हर बार।।
दिल की मेरी वे भला, क्या समझेंगें पीर ।
शब्दों से अपनेे सदा, दिया जिन्होने चीर ।।
रमेश शर्मा
खाई थी कसमें कभी, ..नही मिलेगें यार ।
आते हो फिर ख्वाब में, क्यों मेरे हर बार।।
दिल की मेरी वे भला, क्या समझेंगें पीर ।
शब्दों से अपनेे सदा, दिया जिन्होने चीर ।।
रमेश शर्मा