नही तनिक भी झूठ
कौन रखेगा सोचिए, ऐसों से उम्मीद।
कटवाकर नाखून जो,बनते आप शहीद।
ये भी पूरा सत्य है, नही तनिक भी झूठ,
मिल जायेंगे अनगिनत,इनके हमें मुरीद ।।
रमेश शर्मा.
कौन रखेगा सोचिए, ऐसों से उम्मीद।
कटवाकर नाखून जो,बनते आप शहीद।
ये भी पूरा सत्य है, नही तनिक भी झूठ,
मिल जायेंगे अनगिनत,इनके हमें मुरीद ।।
रमेश शर्मा.