#नहीं_जानते_हों_तो
#नहीं_जानते_हों_तो
■ आज जान ही लीजिए…!!
【प्रणय प्रभात】
क्या आप जानते हैं कि, सियासत, दल और नेता कहलाने वाले लोग “दशा और दिशा” कैसे बदलते हैं, वो भी एक झटके में ..?
नहीं पता…? कोई बात नहीं। मैं किस मर्ज़ की दवा हूँ आख़िर…? मैं बताता हूँ आपको। बताता क्या हूँ, दिखा ही देता हूँ सीधे। आप बस, नीचे वाली तस्वीर देख लीजिए।
ख़ुद जान जाएंगे कि कैसे बदलती है दशा और दिशा। आपकी, आपके प्रदेश और देश की नहीं जी। दलों की और दलगत दलालों की। जिन्हें आप सम्मान के साथ द”लाल” (The Laal) भी कह सकते हैं। ना, ना, ना, माँ-बाप का नहीं। सिर्फ़ सत्ता और सियासत की दुनिया का।
तो रहिए तैयार “दशा और दिशा” में होने वाले क्रांतिकारी (₹(वास्तव में भ्रांतिकारी) बदलाव के लिए। कुछ इस साल, बाक़ी अगले साल। अब इसे “लोकतंत्र की ख़ूबसूरती” कहिए या “आज़ादी का अमृतकाल।” आपकी खोपड़ी, आपका ख़याल, मौज करें या मलाल…।।
●संपादक/न्यूज़ & व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)